राम एकादशी – पापों से मुक्ति और मोक्ष का द्वार

राम एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी दीपावली से ठीक पहले आती है और इसे महापवित्र एकादशी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।


📅 राम एकादशी 2025 की तिथि और समय

  • तारीख: शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025
  • तिथि प्रारंभ: 17 अक्टूबर, सुबह 06:15 बजे से
  • तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर, सुबह 04:20 बजे तक
    (तिथियाँ पंचांग अनुसार स्थान भेद से परिवर्तित हो सकती हैं।)

🙏 राम एकादशी का महत्व

राम एकादशी का व्रत पापों के नाश, आत्मशुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को भगवान विष्णु के धाम, वैकुंठ की प्राप्ति होती है।

इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि आती है। यह एकादशी दीपावली के पहले आने के कारण आध्यात्मिक शुद्धि का द्वार भी मानी जाती है।


📜 राम एकादशी की कथा (Rama Ekadashi Katha)

धर्मग्रंथों के अनुसार, एक समय मुचुकुंद नामक राजा राज्य करते थे। उनके पुत्र शोभन का विवाह ब्रह्मऋषि वशिष्ठ की पुत्री चन्द्रभागा से हुआ था।

जब राम एकादशी आई, तो राजा ने अपने राज्य में सभी को व्रत रखने का आदेश दिया। शोभन भी अपनी पत्नी के साथ व्रत रखना चाहता था, लेकिन उसकी शारीरिक दुर्बलता के कारण वह भूखा नहीं रह सका और उसकी मृत्यु हो गई।

व्रत के प्रभाव से शोभन देवताओं के समान रूप वाला राजा बन गया और एक दिव्य नगर में निवास करने लगा। बाद में जब चन्द्रभागा को यह ज्ञात हुआ, तो उसने भी राम एकादशी का व्रत किया और अपने पति के साथ उस दिव्य लोक में चली गई।

इस कथा से यह सिद्ध होता है कि राम एकादशी का व्रत भक्त को लोकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार का सुख देता है।


🕉️ पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें।
  3. दीपक जलाएँ और फूल, तुलसी पत्ते, फल, और पंचामृत अर्पित करें।
  4. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें।
  5. पूरे दिन व्रत रखें — फल, दूध या जल से उपवास करें।
  6. सायंकाल भगवान विष्णु की आरती करें और कथा सुनें।
  7. अगले दिन (द्वादशी को) ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।

🌿 व्रत के नियम

  • इस दिन तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांस आदि) वर्जित है।
  • व्रती को क्रोध, झूठ और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
  • व्रत को शुद्ध मन और निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।

🌸 आध्यात्मिक संदेश

राम एकादशी हमें यह सिखाती है कि सच्ची समृद्धि भौतिक नहीं, बल्कि आत्मिक होती है।
यह दिन व्यक्ति को अहंकार, लोभ और पापों से मुक्त होकर भगवान के चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है।

दीपावली से पहले आने के कारण, राम एकादशी को आत्मिक दीप प्रज्वलन का प्रतीक भी कहा गया है — यह वह समय है जब भक्त अपने मन की अंधकार को हटाकर आत्मा में प्रकाश का संचार करते हैं।


🌟 संक्षेप में

विषयविवरण
पर्व का नामराम एकादशी
तिथि (2025)17 अक्टूबर 2025
मासकार्तिक कृष्ण पक्ष
देवताभगवान विष्णु
उद्देश्यपापों से मुक्ति, आत्मशुद्धि और मोक्ष
व्रत विधिउपवास, पूजा, कथा श्रवण, दान
फलवैकुंठ प्राप्ति और आध्यात्मिक शांति

निष्कर्ष:
राम एकादशी केवल व्रत का दिन नहीं, बल्कि अंतरात्मा की शुद्धि और ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण का अवसर है।
जो भक्त इस दिन श्रद्धा और निष्ठा से भगवान विष्णु का व्रत करते हैं, उनके जीवन में प्रकाश, शांति और मोक्ष का मार्ग खुल जाता है।

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