दिवाली क्यों मनाई जाती है?

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश की जीत, अज्ञान पर ज्ञान की विजय, और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार मुख्य रूप से भगवान राम की अयोध्या वापसी का उत्सव है, जब उन्होंने 14 वर्षों के वनवास के बाद और रावण का वध करके लौटे थे। उनके आगमन पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया, जिससे यह त्योहार दीपों का पर्व बन गया।

दिवाली मनाने के प्रमुख कारण:

  1. भगवान राम की अयोध्या वापसी: दिवाली का सबसे प्रमुख कारण रामायण में वर्णित है। भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद, और लंका के राजा रावण को हराकर, अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया, और तभी से दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा।
  2. गoddess लक्ष्मी की पूजा: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। लक्ष्मी देवी, जो धन और समृद्धि की देवी हैं, इस दिन पृथ्वी पर आती हैं और साफ-सुथरे घरों में वास करती हैं। इस दिन लोग घर की सफाई और सजावट करते हैं ताकि देवी लक्ष्मी उनके घर में प्रवेश करें और उन्हें धन-धान्य से समृद्ध करें।
  3. नरकासुर वध: दक्षिण भारत में, दिवाली भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर नामक राक्षस के वध का उत्सव भी है। नरकासुर ने अनेक लोगों को कैद कर रखा था, और भगवान कृष्ण ने उसका अंत कर लोगों को मुक्त कराया। इस घटना की याद में दिवाली मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
  4. महावीर निर्वाण: जैन धर्म के अनुयायी दिवाली को भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवान महावीर को मोक्ष प्राप्त हुआ था, और जैन धर्म में इसे एक पवित्र और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
  5. सिख धर्म में दिवाली: सिख धर्म में, दिवाली का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन गुरु हरगोबिंद जी को मुगल सम्राट जहाँगीर ने जेल से रिहा किया था। यह दिन सिखों के लिए स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।

दिवाली के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व:

  • प्रकाश का पर्व: दिवाली में दीप जलाने का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपक जलाने का तात्पर्य है कि हम अपने जीवन से अज्ञानता को हटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाएं।
  • नए साल की शुरुआत: व्यापारियों के लिए दिवाली नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है। इस दिन नए खाते खोले जाते हैं और लक्ष्मी पूजन किया जाता है।
  • समाज में एकता और भाईचारा: दिवाली का त्योहार समाज में प्रेम, भाईचारा और एकता का संदेश फैलाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर मिठाइयाँ और उपहार देकर अपने संबंधों को मजबूत करते हैं।

निष्कर्ष:

दिवाली सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व भी रखता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि अज्ञानता और बुराई का अंत अवश्य होता है, और अंततः ज्ञान, प्रकाश और अच्छाई की जीत होती है। इसी कारण यह त्योहार हर साल हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है।

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